November 21, 2024

पर्यावरण केंद्रित दोहे :-

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कूड़ाघर नदियाँ बनीं, सूखे सब तालाब।
खोज रही है सभ्यता, अब चंदा पर आब।।

हम नदियों के मार्ग को, नित करते अवरुद्ध।
जल-संकट के नाम पर, होगा अगला युद्ध।।

ट्रेंड फ़ेसबुक पर हुआ, पानी है अनमोल।
पाट दिये तालाब सब, पीट रहे अब ढ़ोल।।

कुदरत लेने अब लगी, गिन-गिन कर प्रतिशोध।
अब तो मानव चेत जा, मत बन अभी अबोध ।।

कंक्रीटों के वन हुए, शहर बन गया खेत ।
मानव जहरीला हुआ, नदी बन गई रेत।।

घर-बाहर में कर रहे, हम जल को बर्बाद।
सीमित संसाधन मगर, नहीं हमें यह याद।।

शहर बसाते जा रहे, पेड़ दिये सब काट ।
वर्षा अब कम हो रही, सूने दिखते घाट।।

जल जीवन का अर्थ है, मगर न देते ध्यान।
क्या जल बिन इस भूमि पर, जी सकता इंसान?

त्राहि-त्राहि जीवन करे, नहीं कहीं है नीर।
वर्षा जल संचित करो, बदलेगी तकदीर।।

गगन गा रहा झूम कर, दिनभर मेघ मल्हार।
रिमझिम-रिमझिम बूँद पा, विहँस रहा संसार।।

बादल ! किस संताप में, मन को किया अधीर।
रात-दिवस रोते रहे, क्या है मन की पीर?

बादल लिखते भूमि पर, हरियाली के गीत।
अद्भुत उसकी साधना, अद्भुत उसकी प्रीत।।

मेघ चले आषाढ़ के, लेकर प्रिय संदेश।
बुझा विरह की आग को, हरो हृदय का क्लेश।।

बादल मेरे खेत का, ज़रा रखो तुम ध्यान?
विनती मन से कर रहा, हर दिन यही किसान।।

सूखा सावन रह गया, सूखा रहा अषाढ़।
भादो बरसा तो मिली, गाँव-शहर को बाढ़।।

भाये आखिर किस तरह, यह बैरी बरसात।
पिया बसे परदेश में, दुख में कटती रात।।

काग़ज़ वाली नाव से, बच्चे हुए प्रसन्न।
ठीक समय बरसात से, जन पायेगा अन्न।।

गर्मी से जलने लगा, जीव-जगत के गात।
बादल बैरी मत बनो, करो स्नेह-बरसात।।

कहीं आतंक बाढ़ का, कहीं चले तूफान ।
कहीं आक्सीजन बिना, निकल रही है जान ।।

दिन हैं अलसाये पड़े, ऊँघ रही है शाम।
माह दिसम्बर हो गया, अब कुहरे के नाम।।

दाँत पहाड़े पढ़ रहे, गर्दन के सँग पाँव।
कुहरे ने हथिया लिया, पूरा-पूरा गाँव।।

कुहरे ने जब सूर्य का, क्षीण कर दिया ताव।
तब घर में जलने लगे, हीटर और अलाव।।

शिशर बाँटने लग गया, पीर और आघात।
पीले-पीले हो गये, घने वृक्ष के पात।।

हलकी-हलकी धूप से, मन हो गया प्रसन्न।
ज्यों भूखे की थाल में, धर दे कोई अन्न।।

कुहरे से लगने लगा, दिन भी जैसे रात।
कैसे होगी काम की, अब बोलो शुरुआत।।

एक वायरस ने किया, जगह-जगह उत्पात ।
नर ने नर को आज दी, भीषण यह सौगात।।

© सत्यम भारती

स्थायी पता :-
ग्राम+पोस्ट- वनद्वार
वार्ड न. 04, भाया- रजौड़ा
थाना- नीमा चांदपुरा
जिला- बेगूसराय
राज्य- बिहार
पिन- 851131
मो.8677056002

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