मैं बस्तर चित्रकोट का दंडामी रिसॉर्ट…
मेरा अस्तित्व छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड से है…मैं बस्तरिया संस्कृति की झलक लिए अपने जनजातीय बंधुओं की ओर से अतिथि देवो भवः की परंपरा के साथ अपने अतिथियों की सेवा सत्कार में निरंतर रत हूं…मैने समय का हर पल, हर लम्हे और हर क्षण में उसके सभी रूपों के साथ स्वागत किया है और करता रहूंगा..क्योंकि मैं गवाह हूं उगते सूरज की लालिमा से लेकर ढलते सूरज की सिंदूरी आभा का…मैं प्रतिदिन दीदार करता हूं, इंद्रावती की हर उस बूंद का जिसके शीतल स्पर्श से सूरज की स्वर्णिम किरणें अपनी आभा को द्विगुणित करती हुई सप्तरंगी हो जाती हैं और इंद्रधनुष बन समा जाती है हर दिल में इस अहसास के साथ कि इंसानी जीवन भी तो यही है,सभी रंग और रूप के साथ, कुछ खट्टा कुछ मीठा सा अनुभव लिए…बस्तर की जीवनदाइनी इंद्रावती बिना किसी अभिमान के जब अपने विशाल पाट के साथ चट्टानों से टकराती हुई धरती को चूमने 90 फीट की ऊंचाई से नीचे आती है तो इस मिलन का प्रत्यक्ष गवाह बनना, दुनिया के किसी भी रोमांच से कम नहीं…यदि आप भी इस रोमांच का अनुभव करना चाहते हैं तो चले आइए बस्तर – जगदलपुर…और हां मुझे मौका ज़रूर दीजिएगा अपने सत्कार का…🥰🌹🙏🌹🥰 आलेख – डॉक्टर अनुराधा दुबे
जनसंपर्क अधिकारी,छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड
18.11.2022