November 24, 2024

उसने मुझे समेटा और कहा,
कोई मेरे बारे में कुछ भी कहे,
तुम मानना वही,
जो तुम्हारा मन स्वीकारे

मैं जो था
वही हूँ
वही रहूँगा!!

कहते कहते;
मेरी पेशानी को
चिन्हित करता,
मुस्कुराता,
मन की गीली मिट्टी में
थोड़ा और धंस गया
या कहूँ,
मुझमे थोड़ा और बस गया

~पल्लवी गर्ग

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तस्वीर साभार Sachin Verma

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