क्या खोना है, क्या पाना है,
जो मिलना वो गुम जाना है ..
सांसें होतीं खर्च सपन पर,
दौड़ा-भागी है जीवनभर,
रेत पे लिखनी एक कहानी,
जिसे लहर से धुल जाना है ..
तेज हवा मे बही उमरिया,
झूला, गुड़िया, चूल्हा-चकिया,
कुछ रचने का भरम पाल कर,
इक दिन मिट्टी हो जाना है ..
निश्चय