November 21, 2024

फ्रेंच कविताओं की अनुवाद शृंखला में योजना रावत ने कवि जेम्स साक्रे की कविताओं का अनुवाद

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फ्रेंच कविताओं की अनुवाद शृंखला में योजना रावत ने कवि जेम्स साक्रे की कविताओं का अनुवाद किया है।

कवि परिचय –
जेम्स साक्रे ( James Sacré)

पश्चिमी फ्रांस के छोटे से गांव कौगू में एक किसान परिवार में जन्मे फ्रांसीसी जेम्स साक्रे का जन्म 1939 में हुआ। जेम्स सैक्रे ने कविता की 60 से अधिक किताबें प्रकाशित की हैं। उनकी कविताएं प्रत्येक प्रतिष्ठित फ्रांसीसी साहित्यिक पत्रिका में प्रकाशित हुई हैं और उन्होंने फ्रांस में कवियों को दिए जाने वाले हर साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित हुए है। सन 1965 में वह उच्च शिक्षा के लिए वह अमेरिका चले गए और मैसाचुयूसेट्स विश्वविद्यालय में लंबे समय तक अध्यापन करते हुए उन्होंने यूरोप की अनेक यात्राएं की। 2001 में वह पुनः फ्रांस के मोंपेलिए शहर में आकर बस गए। वह स्मिथ कॉलेज में मानविकी में प्रोफेसर एमेरिटस हैं, जहां उन्होंने कई वर्षों तक फ्रेंच पढ़ाया है ।
‘अ स्माल क्वाइट गर्ल’, ‘ड नाइट कम्स इन द ओड्स’,’वर्ड्स अलॉन्ग टाइम’, ‘रेस्ट ऑफ शोर्ट पोयम्स’, ‘द लव अन्डर माइंस’ उनकी प्रमुख कृतियां हैं।
प्रकृति प्रेमी जेम्स साक्रे के काव्य में कोमल भावानुभूतियों की अभिव्यक्ति व्यापक स्तर पर हुई है। इनमें प्रकृति व ग्रामीण पृष्ठभूमि के अनेक चित्र मिलते हैं।

जेम्स साक्रे की कविताएं
———

अनुवाद : योजना रावत

1.खुशनुमा मौसम

खुशनुमा मौसम
मेपल वृक्षों के आर पार
लाल फूल खिलाएगा

घूमा है कोई
यहाँ देर तक
सिमटती
खत्म होती प्रेम कथा लिए

गुस्से के दौरे जैसे उग्र हाव-भाव
और
हर तरफ फैली उदासी
कड़ी खास में नीलेपन को हरती दृश्यावली

क्या यह जैसे तैसे चमक खोता प्रेम नहीं है?

एक पुराना गांव
खपरैल व आलूबुखारे के पेड़
घुलता मिलता घरों के धूपीले रंगों में

कोमल गालों वाली
गुस्से में भरी कविता
न जाने किस और बढ़ते हम
शायद
एक पैर न्यू इंग्लैंड में
और
दूसरा प्वातू में

2. कभी कभी लगता है कि लिखने को कुछ नहीं बचा।
फिर भी
एक तरह की ज़िद्द सी होती है हमें
अक्षरों और शब्दों को नाप तोड़कर जमाना
जानते हुए भी कि नहीं बनी यह बात

शायद
बेहतर हो इसे यही छोड़ना
निस्संदेह अप्रसन्नता
पर
इसके सिवा हम कर भी क्या सकते हैं?
जाने पहचाने शब्दों की धुंध को
फिर से पकड़ना
छोड़ी गई बात को थोड़ा और आगे बढ़ाना

क्या किया जाए?
मुश्किल से रूप लेती इस कविता में
सोचने लायक क्या रखा है?

3.यह सच है कि
पतझड़ सुंदर दृश्य उभारता है
एक मुस्कुराहट की तरह
या
भागती नन्ही लड़की की स्कर्ट
हम सुख में हैं
क्या यह सब
यूं ही चलता रहेगा?

4. चित्रकार का कहना है कि संकेत दिए जाते हैं,
और रंग
जो पूर्ववत आता है
उसे उकेरने के लिए हैं
ताकि सब कुछ झर न जाए।
लेकिन
परिदृश्य अभी भी धुंधला है
स्याही के हल्के धब्बे
और अब
मेरी कविता में कौन उच्चरित कर सकता है
शब्द “मोरक्को”
और कहने के लिए कुछ अन्य नाम,
शब्द
जो चुप्पी में गिर जाते हैं।

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