November 23, 2024

प्रवीण ‘प्रवाह’ की कविताएं

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कविता – एक
——-
चेहरे नहीं
धड़कनें
तैरती हैं
आँखों में
प्यार में
******

कविता – दो
——
रहो
कहीं भी
मगर बहो
धरती की
सारी ढलानें
मेरी ओर हैं
*******

कविता – तीन
——
पृष्ठों पर
अंधेरा?
ज़रा ठहरो
मुझे करने दो
नए शब्दों की
आतिशबाजी
*******
– प्रवीण ‘प्रवाह’

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