गीत : “नशा नाश की जड़ है “
नशा नाश की जड़ है,
सुन लो प्यारे बात हमारी,
ये चक्कर घनचक्कर है।
नशा नाश की जड़ है ।
शुरुआत में लगे ये प्यारा प्यारा
फिर विष घोले धीरे धीरे
ईश्वर ने दी जो स्वस्थ, सुन्दर काया
जर्जर कर दी इस नशे की लत ने
नशा नाश की जड़ है
धुआं धुआं हो गई जिंदगी,
परिवारों की बलि चढी।
पीकर जब घर आते हैं ,
बच्चे छुप जाते हैं डर कर।
नशा नाश की जड़ है…….
कैंसर जैसा रोग लगे,
मुख का नक्शा बदले ।
फेफड़ों का करे ये नाश,
मन मस्तिष्क न रहे बस में।
नशा नाश की जड़ है…….
युवा होते ताकत देश की
होश खो रहे नशे की लत में।
यौवन है आकर्षण जीवन का,
नशे ने किया है घायल सबको।
नशा नाश की जड़ है…….
ध्यान योग से रहे निरोगी,
छोड़े नशे की लत को।
अपनी ताकत को पहचानो
मत झोंकों इस नशे की लत में।
नशा नाश की जड़ है…….
( स्वरचित )
सुप्रिया शर्मा (शिक्षिका)
रायपुर (Chhattisgarh)