तेज़, बहुत तेज़, एक लय में…
तेज़, बहुत तेज़, एक लय में
बारिश के बूँदों की सीधी धार,
इतनी सघन कि ठीक से
दिखाई न दे इस पार।
लगता है जैसे कुदरत ने
आसमान से ज़मीन तक
गिरा दिया हो एक झीना पर्दा
और कह रही हो, कुछ पल
खो जाओ इसमें, मत देखो
उस पार कुछ भी,
बस यह बारिश और तुम।
रोम-रोम में भर दे यह,
शान्ति और शीतलता,
कुछ पल इसमें जी लें तो
मिलती भरपूर प्रसन्नता।
विश्वास हो जाता है
बहुत कुछ है ख़ूबसूरत और
जीवन से बढ़ जाता है प्यार।
कितनी मनमोहक है
बूँदों की सघन और सीधी धार।
शिप्रा सैनी मौर्या