इतना मत व्यवधान रखा कर
अपना थोड़ा ध्यान रखा कर
भीड़ में तन्हा क्यूँ रहता है
इक-दो से पहचान रखा कर
सारे सयाने ठीक नहीं हैं
कुछ मुझसे नादान रखा कर
मन की मर्ज़ी करने वाले
मेरे कहे का मान रखा कर
तू तोता मैं जादूगर हूँ
ख़ुद में मेरी जान रखा कर
~ डॉ.पूनम यादव