November 21, 2024

क्रिसमिस पर्व विशेष लेख : छत्तीसगढ़ का महागिरजाघर कुनकुरी

0

प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिवस का महापर्व क्रिसमस कटु अनुभव, दुर्व्यवहार को भूलाकर क्षमा करने की सामाजिक समरसता बढ़ाने की सीख देता है। मानव समुदाय को अटूट बंधन में बांधे रखने की शक्ति दयालुता में ही है का पाठ पढ़ाता है।
प्रभु ईसा मसीह के प्रति प्रबल आस्था का गढ़ छत्तीसगढ़ भी है।यहां एशिया महाद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा चर्च कुनकुरी में निर्मित है।प्राकृतिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत मनमोहक जिला जशपुर कुनकुरी के इस चर्च को महागिरजाघर (कैथेड्रल) के नाम से ख्याति मिली हुई है।उल्लेखनीय है कि एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा चर्च “सुमी बैप्टिस्ट” नागालैंड में है।
सैलानियों के आकर्षण का केंद्र यह महागिरजाघर श्वेत संगमरमर के उपयोग से बना है। दस हजार श्रद्धालुओं की बैठने की क्षमतायुक्त इस अर्ध गोलाकार पवित्र भवन को “रोजरी की महारानी चर्च”के नाम से भी प्रसिद्धि प्राप्त है।

वास्तु कला का बेजोड़ नमूना इस चर्च की नींव वर्ष 1962 में रखी गई थी।बेल्जियम के आर्किटेक्ट जे एम कार्डिनल कार्सी ने इसके नक्शा को बनाया था।एक ही बीम पर बने इस पवित्र भवन को अद्भुत नक्शा के अनुरूप आकार देने में लगभग सत्रह साल लग गए थे।ऊंचाई से देखने पर ऐसे दिखाता है, मानो ईश्वर दोनों हाथ फैलाए हुए आमंत्रित कर रहे हैं। 27 अक्टूबर 1979 को इसे श्रद्धालुओं के लिए लोकार्पित किया गया था।
प्रारंभ में यह गिरजाघर घने जंगलों से घिरा हुआ था। समय के साथ प्रगति ने आज इस स्थल को सर्व सुविधायुक्त बना दिया है।कैथोलिक समुदाय के धर्मग्रंथों में सात अंक को अति महत्वपूर्ण माना गया है। इसी के अनुपालन में ईसाई समुदाय के सात संस्कार यथा – पाप स्वीकार,रोगी सेवा,पुरोहित संस्कार,प्रसाद ग्रहण, बपतिस्मा,विवाह संस्कार और सुदृढ़ संस्कार के चिन्ह रंगीन कांच के चित्रों में,ग्रेनाइट पत्थरों में अंकित हैं।
इसी मान्यता के अनुरूप गिरजाघर में सात छत,सात खूबसूरत दरवाजे बनाए गए हैं।प्रभु यीशु के संदेशों का सुंदर चित्रण लेखन इसकी छतों और दीवारों पर भी दर्ज है।हिंदू समुदाय में जैसे चार धामों का,मुस्लिम समुदाय में जैसे मक्का का महत्व है।वैसा ही महत्व क्रिश्चियन समुदाय में कुनकुरी के इस गिरजाघर का है।
प्रभू ईसा मसीह के जन्मोत्सव में गूंजते कैरोल गीत से समूचा विश्व माह दिसम्बर में झूम उठता है।ऐसे मनोहारी समय में यहां की हरियाली,क्रिसमस ट्री की सजावट और शांत वातावरण से तन मन मंत्रमुग्ध हो जाता है।
भारत के इस सर्वाधिक बड़े गिरजाघर की ओर से स्कूल,कालेज,अस्पताल का संचालन सहित दीन दुखियों का दुःख दर्द दूर करने जनहितकारी कार्यक्रम किए जाते हैं।परमपिता परमेश्वर ने ऐसे ही परहितकारी कार्यों का निष्पादन निस्वार्थ भाव से करने के लिए मनुष्य की उत्पत्ति सर्वश्रेष्ठ प्राणी के रूप में की है।
*विजय मिश्रा ‘अमित’*
पूर्व अति महाप्रबंधक (जन)
एम 8 सेक्टर 2’ अग्रोहा सोसायटी पोआ- सुंदर नगर रायपुर (छग)492013
मोबा 989312310

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *