किशोर कुमार धनावत की कविता
“खाली हाथ”
आपदा का अवसर है,
फायदा छोड़ दें|
सेवा के कारक बनें,
अहंकार तोड़ दें|
मन में प्रतिज्ञा करें,
काम शुरू कीजिए|
जितना भी हो सके,
सहयोग कीजिए|
आपदा में घिरे लोग,
अपना हाथ बढ़ाईये|
जाना तो सबको है,
अभी साथ निभाईये|
कौन जाने किसी का,
बुलावा आ जायेगा|
कुछ जाने का नहीं,
सब यहीं रह जायेगा|
अच्छा शुभरात्रि
🙏🌹🙏🌹🙏
किशोर कुमार धनावत,
रायपुर, (३-५-२०२१)