क्योंकि अगर ऐसा हुआ…

मैंने चुना है कि मैं अनावश्यक चीजों के बिना जीऊँ।
जितनी ज़्यादा चीज़ें आपके पास होती हैं, उतनी ही ज़्यादा ऊर्जा उन्हें संभालने में खर्च होती है।
मालिक बनने और गुलाम बन जाने के बीच एक बहुत बारीक फर्क होता है।
जीवन जीने की कला यह है कि एक अच्छा भोजन करो, और फिर रात को गहरी नींद में सो सको —
बिना इस डर के कि कोई आएगा और सब कुछ छीन ले जाएगा।
इस दुनिया में कुछ भी सच में हमारा नहीं होता।
और उससे भी ज़्यादा ज़रूरी बात ये है कि हम खुद चीज़ों के नहीं हो जाएँ।
क्योंकि अगर ऐसा हुआ… तो ये बस गुलामी का एक और शांत रूप होगा।
— रॉबर्ट डी नीरो