May 23, 2025

नहीं रही कवयित्री श्रीमती नीता श्रीवास्तव…विनम्र श्रद्धांजलि

0
WhatsApp Image 2025-05-22 at 8.52.14 AM

एक हृदयविदारक समाचार – कवयित्री श्रीमती नीता श्रीवास्तव जो विश्व मैत्री मंच छत्तीसगढ़ की पूर्व अध्यक्ष एवं साहित्यिक -सांस्कृतिक संस्था ‘ऋचा’ की वर्तमान में सचिव थीं का आज सुबह रायपुर में निधन हो गया । वे कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। उनके ग़ज़ल संग्रह ‘मिल्कियत मेरी’ को शब्दाक्षर सम्मान इक्यावन हज़ार रुपए, शाल एवं प्रशस्ति पत्र, तथा अंतरराष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच का निशात सम्मान भोपाल में मिला था। उन्हें ईश्वर अपने श्री चरणों में स्थान दें। मेरी विनम्र श्रद्धांजलि !😢 मैं उनकी एक हिंदी ग़ज़ल उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप यहाँ दे रहा हूँ-

ग़ज़ल

अक्सर खो जाती हूं फिर से गुजरे हुए जमाने में
जब हम माहिर थे मिल जुलकर हर गुत्थी सुलझाने में

दिल जैसा था साफ स्वच्छ घर और साझा थी बात सभी
कितना कुछ मिल जाता था उस छत पर यूँ बतियाने में

दीदी के छोटे कपड़े थे और किताबें भैया की
कितने खुश होते थे इनको दोबारा अजमाने में

एक शरारत भैया की और खड़े कटघरे में हम सब
खूब मशक्कत करते थे फिर गलती एक छुपाने में

चेहरे पर गुस्सा बनावटी आंखों में ममता भरपूर
कुछ ही पल तो लगते थे बस अम्मा तुम्हें मनाने में

खुशबू सौंधी सी रसोई की
और रोटी के कौर कई
घी के बदले प्यार उड़लता, इक थाली सँग खाने में

देहरी में धड़कन पुरखों की,तुलसी रौनक आँगन की
हम भी माहिर थे इन सबसे दरबानी करवाने में

अलग दिशाएं,अलग सलीके दूर शहर बस गए सभी
दिल से ना हों दूर कभी हम गैरों के बहकाने में

ख़्वाबों में जी लें दोबारा बचपन भाई बहन के सँग
रख कर सोती इसी चाह से कुछ यादें सिरहाने में
नीता श्रीवास्तव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *