हाइबन
जौंक
आँखों में आँसू भरकर माली खड़ा था।सिसकते हुए बताया कि,परसो.इकलौते भान्जे का एक्सीडेंट हो गया था। छाती के बल जोर से पत्थर पर गिरा।सरकारी अस्पताल का डाक्टर बोला बचना मुश्किल है लिख के दो तब भर्ती करेंगे।प्राइवेट ने छः लाख माँगे।दुख से पागल बहन के साथ सबने गहने बेचकर पैसा भरा।वो आज चला गया।लाश देने का साठ हजार लिया। डाक्टर हैं या जौंक
दर्द सैलाब
डाक्टर की हवस
लाचार जन
डॉ मंजुला श्रीवास्तव ‘मंजुल’