आज की लघुकथा : वापसी का टिकिट
बरसों-बरस बाद मेरा दिल्ली जाना हो रहा है. मैं अपनी मर्जी से वहाँ नहीं जा रहा हूँ, बल्कि पिताजी के...
बरसों-बरस बाद मेरा दिल्ली जाना हो रहा है. मैं अपनी मर्जी से वहाँ नहीं जा रहा हूँ, बल्कि पिताजी के...
लंबे समय के बाद....आज ये ... आप सबके लिये....😊🙏 लेश भर भी कम नहीं सारी की सारी हूँ तुम किसी...
आकर मेरी बाहों में जज़्बात मचलने दो उल्फ़त के खिलें है गुल एहसास महकने दो।-1 हर-सम्त फ़ज़ाॅं महकी इक नूर...
रायपुर। छत्तीसगढ़ के भारतेंदु पं सुंदरलाल शर्मा की आज जयंती है। इस विशेष अवसर पर इतिहासकार डा रमेंद्रनाथ मिश्र ने...
दबंग फ़िल्म का एक बहुत ही चर्चित डायलॉग है "प्यार से दे रहा हूँ रख लो, थप्पड़ मारकर भी दे...
मैंने पीड़ा को रोपा और बहुत ध्यान से देखा उसे बढ़ते हुए जब देखा , तो लगा मेरे सबसे करीब...
है शरद ऋतु का आगमन , फूलों की छटा है मनभावन।। नर्म धूप तन-मन को भाये, जैसे हो कोई अपनापन।।...
अधूरेपन के बीच से चला जाऊँगा अपूर्ण कविता की तरह रह जाना चाहता हूँ उसकी संभावना में मुरझाने से पहले...