April 21, 2025

साहित्य

10 व 11 दिसंबर को दो दिवसीय ‘राजेश्वर सक्सेना एकाग्र’ का आयोजन

10 व 11 दिसंबर को बिलासपुर में राजेश्वर सक्सेना एकाग्र 🔴 उनके लेखकीय, वैचारिक, सरोकारों व संस्मरणों पर होगी चर्चा...

मृदुला गर्ग की कहानियों में परिवार के रूप”

मृदुला गर्ग की कहानियों में परिवार कई रूपों में प्रकट होता है । जहाँ कई कहानियों में हम उसे सिर्फ़...

क्या तुम जानती हो मां…

तुम्हारी दुआएं,आशीर्वाद और ममता.. सदा मेरे साथ हैं... क्या तुम जानती हो मां.... तुम्हारी खुशियां,तुम्हारे गम और टीस सदा मेरे...

रेत से हेत : लोकधर्मिता और संवेदनशीलता

कविता स्वभावतः मानवीय संवेदना की वाहक होती है।अवश्य कविता में जीवन के विविध रंगों के चित्रण होते हैं, मगर उनका...

व्यंग्य पर एक दिवसीय संगोष्ठी सम्पन्न

व्यंग्य एक घातक हथियार है, इसका सैनिक की तरह उपयोग करें -प्रेम जनमेजय भिलाईनगरः छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़...

दिनेश कुशवाह हमारे समय के ऐसे महत्वपूर्ण कवि हैं जो सामाजिक वंचना से त्रस्त मनुष्यता के हक़ के लिए लगातार प्रयासरत दिखाई देते हैं

दिनेश कुशवाह हमारे समय के ऐसे महत्वपूर्ण कवि हैं जो सामाजिक वंचना से त्रस्त मनुष्यता के हक़ के लिए लगातार...