April 20, 2025

आलेख

राष्ट्रीय खेल दिवस पर विशेष : राज्य के युवा अब कह रहे – खेलबो, जीतबो, गढ़बो नवा छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में साढ़े तीन साल पहले मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गठित सरकार ने "गढ़बो नवा छत्तीसगढ़" का...

साहिब बीबी और ग़ुलाम : गुरुदत्त(1962)

मानव सभ्यता के विकास में माना जाता है कि एक दौर मातृसत्तात्मक का था। कई जनजातीय समाजो में यह हाल...

स्वामी आत्मानन्द और पेंड्रा – कुछ यादें

- प्रतिभू बनर्जी वर्तमान में पूरे छत्तीसगढ़ में जिनके नाम पर हिन्दी और अँग्रेजी माध्यम के उत्कृष्ट शालाएँ खोली जा...

विशेष लेख : पोला तिहार : ग्रामीण जनजीवन में खुशहाली का प्रतीक

भारतीय संस्कृति में पशु पूजा की परम्परा रही है, इसके प्रमाण सिन्धु सभ्यता में भी मिलते हैं। खेती किसानी में...

मेरी ज़मीन मेरा सफ़र : ज़ज़्बात की शायरी

शायरी की परंपरा बहुत पुरानी है और काफी मथी जा चुकी है।फ़ारसी-उर्दू-हिंदी की यह परम्परा मुसलसल जारी है, और लोकप्रिय...

लछमनिया का चूल्हा:अस्मिता और अधिकार की चिंता

समकालीन राजनीति और साहित्य में आदिवासी स्वर तीव्रता से उभर कर आया है; जो स्वाभाविक है. एक लंबे समय तक...

चार सौ वर्ष प्राचीन अप्रकाशित पाण्डुलिपि : रामहनु कथा रास

-डाॅ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’ आचार्य श्री देवनन्दि दिगम्बर जैन स्वाध्याय एवं शोध संस्थान, नैनागिरि में एक लगभग चार सौ वर्ष...

स्वतंत्रता संग्राम में भाटापारा के स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान : आज़ादी के अमृत महोत्सव पर विशेष लेख

आजादी का अमृत महोत्सव हमारी स्वतंत्रता का एक उत्सव है जो कि प्रत्येक 25 वर्षो में मनाया जाता है ,...

रायगढ़ का जन्माष्टमी और सेठ किरोड़ीमल

लेखक:- बसन्त राघव वर्तमान रायगढ़ छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक राजधानी है, औद्योगिक नगरी के रूप में इसका तेजी से विकास हो...