डिजिटल जहर (लेख)
विश्व डिजिटल क्रांति के पीक की तरफ बढ़ रहा है तो स्वाभाविक है मानव समाज के प्रत्येक जन को यह लहर बारी -बारी से अवश्य छूएगी या छूती हुई आगे बढ़ रही है ।
डिजिटल क्रांति से आई विकास की नई सम्भावनाओं ने इसे और भी ज्यादा उपयोगी बना दिया है ।सॉफ्टवेयर कम्पनियों ने अपने फायदे और लोगों की सुविधा के लिए आज कई लुभाने वाले एप्लिकेशन लांच किये हैं जिनसे कई तरह के कार्यों के क्रियान्वयन में सरलता आयी है ,परन्तु साथ ही दुष्प्रभाव भी है डिजिटल दुनियां में कई वेबसाइट ऐसे हैं जहां पर काफी मात्रा में सॉफ्ट पोर्न के नाम पर मनुष्य के मानसिकता में जहर घोला जा रहा है ।
भारतीय संस्कृति महान संस्कृति रही है इसे कई बार अन्य संस्कृतियों के आक्रमण का सामना करना पड़ा है और भारतीयों ने अपने सामर्थ्य से उन आक्रमणों को हराया भी है ।इसलिए इस बार आक्रमणकारियों ने अपना स्वरूप बदला है ये भारत की वर्तमान तथा आने वाली पीढ़ी को मानसिक रूप से रोगी बना रहे हैं भारत कई समस्याओं से तो लड़ ही रहा है उसके ऊपर आज एक और बड़ा गम्भीर रोग अपना पांव पसार चुका है ।डिजिटल दुनियां में इन्सेस्ट सेक्स के नाम पर जो सामग्रियां उपलब्ध हैं या जिस तरह से सॉफ्ट पोर्न युक्त वेबसीरिज में भारतीय पारिवारिक रिश्तों को लेकर काल्पनिक कहानियाँ दिखायी जा रहीं हैं वह चिंता का विषय है ।
सरकारों ने चाइल्ड पोर्न पर तो प्रतिबंध लगाया है, अब समय आ गया है कि इस तरह के कंटेंट जो रिश्तों की मर्यादा को भंग करना सिखाते हैं उन पर भी प्रतिबंध लगाया जाए अन्यथा हमारी महान संस्कृति और हमारी कई आने वाली पीढ़ियों को इसका दुष्परिणाम भुगतना होगा।
लेखक -जपेश कुमार प्रधान
ग्राम -बड़ेलोरम,पोस्ट -परसवानी
जिला -महासमुन्द (छ ग)
मो.नं.-8319275723