कहां है
पानी है
पर प्यास कहाँ है,
चातक सा
अहसास कहाँ है।।
अब दिल है
सोने चाँदी के,
रिश्तों में
विश्वास कहाँ है ।।
कहाँ गए
राधा और मोहन,
वो बंसी
वो रास कहाँ है ।।
चुप रहूँ मैं
और समझे मुझको
इतना भी वो
खास कहाँ है ।।
तू आएगा..
आँसू पोंछेगा,
मुझको अब ये
आस कहाँ है ।।
बस यूँ ही
पागल है थोड़ा,
मेरा दिल
उदास कहाँ है
प्रश्न
वक़्त की तेज़
रफ़्तार में बहते
सपनों में से
एक सपना
ठहर गया
यकायक
और पूछा उसने
यूँ ही टूट जाने दोगी
या मुकम्मल
करोगी मुझे
दरवाज़ा
तुम जब भी मिले
तुमने कोशिश तो की
मुझे जीतने की
पर मुझ तक
कभी पहुंच ही नहीं पाए
मेरे दिल में आने के लिए
तुमने जबरन तोड़े
मेरे दिल के दरवाज़े
जबकि मैं थी
हल्की सी आहट से
खुलने वाला
दरवाज़ा
रेणु वर्मा