क्या आप जानते हैं?
क्या आप जानते हैं कि ब्लैक एंड व्हाइट दौर की फिल्मों में आने से पहले दो मशहूर अभिनेता रेडियो पर काम कर चुके थे? पहले हैं:बलराज साहनी जी फिल्मों में आने से पहले ‘बी.बी..सी.’ की हिंदी सेवा में उद्घोषक थे. इतना ही नहीं उनकी पत्नी दमयंती साहनी भी इसी सेवा में उनके साथ ही अनांउसर थीं.बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ़ होंगे की आज़ादी के लड़ाई के दौरान बलराज साहनी महात्मा गांधी के पदचिंन्हों पर उनके साथ क़दम से क़दम मिलाकर चले थे. इसके अलावा उनके ही आशीर्वाद के बाद 1939 में वह लंदन में बीबीसी से जुड़े थे.वहां पर चार वर्ष गुजारने के बाद वह स्वदेश वापस आए थे.सिल्वर स्क्रीन का हिस्सा बनने से पहले तक उनका नाम युधिष्ठिर साहनी हुआ करता था.इंग्लिश लिटरेचर में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने हिंदी में भी डिग्री हासिल की थी. इसके बाद वह शांतिनिकेतन से भी जुड़े रहे थे.1946 में अपनी पहली फिल्म ‘इंसाफ’ में आने से पहले तक साहनी बी.बी.सी. के सबसे ख़ास अनांउसर हुआ करते थे.
दूसरे हैं: मशहूर एक्टर, डायरेक्टर, और निर्माता सुनीलदत्त जिन्होंने अपने कैरियर की शुरूआत: ‘बलराज’ के नाम से रेडियो सिलोन के एक स्पोंसर्ड प्रोगाम “लक्स सितारों के साथी” से की थी जिसमें वो अपने दौर की मशहूर अभिनेता/अभिनेत्रियों के इंटरव्यू किया करते थे.उस प्रोगाम के रेकॉर्डिंग की एक तस्वीर मेरे हाथ लगी है जिसमें वो नलिनी जयवंत का इंटरव्यू ले रहे हैं (1953-54).मज़े की बात ये कि 1955 रिलीज़ हुई सुनीलदत्त के पहली फ़िल्म “रेलवे प्लेटफार्म” की हेरोइन भी नलिनी जयवंत ही थीं,जिसका गाना- “बस्ती बस्ती पर्बत पर्बत गाता जाए बंजारा” आज भी सदाबहार गीतों में शुमार होता है.
मनोहर महाजन, मुंबई