मनोज शाह ‘मानस’ की तीन ग़ज़लें
“कब तक इन बेड़ियों में…”
सजती नहीं है दुल्हन अब डोलियों में ।
अब वो दम नहीं शिकारियों के गोलियों में ।।
शायद ये वक्त हमसे कोई चाल चल गया,
कर्मों की कीमत डाल गया हमारे झोलियों में ।
कहीं छांव है कहीं धूप है जिंदगी के सफर में,
कहीं और ही नकाबपोश रूप है हमजोलियों में ।
क़त्ल भी हो रहा है तो कत्लेआम हो रहा है,
इंसानियतें वरक़त ए मजहब नहीं इन भेड़ियों में ।
सैकड़ों पत्थर के बीच एक आईना कब तक,
महफूज़ रहेगा आखिर कब तक इन बेड़ियों में ।
ज़रा लहजे में बोल दीवारों के भी कान होते हैं,
तहज़ीब रख इंसानों के नीलामी मंडी के बोलियों में ।
सजती नहीं है दुल्हन अब डोलियों में ।
अब वो दम नहीं शिकारियों के गोलियों में ।।
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“मेरी मंजिल कहां…”
ऐ खुदा आके मिल यहां ।
और बता मेरी मंजिल कहां ।।
हर एक शक्ल अंधेरे में गुम है,
गुमराह नहीं तो मेरा साहिल कहां ।
पीने दे मुझे मय खुलेआम,
या फिर बता मेरी महफिल कहां ।
मेरा मुकद्दर और मेरी जिंदगी,
जिंदगी में मुकद्दर शामिल कहां ।
जिंदगी मुकद्दर दोनों कैद है,
खूनी है कौन है कातिल कहां ।
ए खुदा आके मिल यहां ।
और बता मेरी मंजिल कहां ।।
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“जहां जिंदगी क़ैद है…”
जिंदगी और मुकद्दर के नाम पर ।
आ गए हम फिर उसी मुकाम पर ।।
दर्द की आईना है वह गम का खज़ाना,
तरस आ गया छलकती हुई जाम पर ।
गुफ्तगू है जिंदगी और मुकद्दर में,
रोना आया एक दूसरे के इल्ज़ाम पर ।
जहां जिंदगी कैद है वही चल नसीबा,
क़यामत तो होगी खुदा के फरमान पर ।
जिंदगी और मुकद्दर के नाम पर ।
आ गए हम फिर उसी मुकाम पर ।।
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स्वरचित एवं मौलिक
मनोज शाह ‘मानस’
डी-27, सुदर्शन पार्क,
नई दिल्ली-110015
मो.नं.7982510985
manoj22shah@gmail.com
परिचय—
पिताजी : स्व. राम रतन शाह
माताजी : स्व. शामो देवी
पत्नी : स्व. कमला शाह
जन्म स्थान : जनकपुर धाम नेपाल
जन्म तिथि : 4 मार्च 1970
शिक्षा : बि.ए. उत्तीर्ण
व्यवसाय : प्राइवेट सर्विस
रचनाएं प्रकाशित
1. जिंदगी की धूप छांव एकल काव्य संग्रह
2. राम रत्न मंजूषा आध्यात्मिक ज्ञान संकलन
3. पहाड़ी गूंज, बज़्म ए हिन्द, साहित्यांकुर, कोरोना
काल में साहित्य इत्यादि साझा संकलन
4. चाणक्य वार्ता, यथावत, सरिता, हिंद देश,
साहित्य त्रिवेणी, गृहशोभा, सरस सलिल
इत्यादि पाक्षिक पत्रिका
5. मुस्कान, मुक्ता, अनुभव, साहित्य हंट, वीणा,
जय विजय, प्रकृति दर्शन, समर सलिल, पाखी,
मृगतृष्णा, संगिनी, सुवासित, नवकिरण,
हिमालिनी, तेजस, अनुभव, प्रकृति दर्शन, मेरी
सहेली, गगनांचल, प्रयास इंडिया, परिंदा,
मधुराक्षर, विश्व साहित्य संगम, दुनिया इन दिनों,
सुरभि सलोनी, अखंड भारत, स्वर्णिम साहित्य,
आरुषि, दी अंदर लाइन इत्यादि मासिक पत्रिका
6. मानवी, पुष्पगंधा, इंद्रप्रस्थ इत्यादि त्रैमासिक
पत्रिका
7. वर्तमान अंकुर, हरियाणा प्रदीप, कोलफील्ड
मिरर, इंदौर समाचार, पंजाब केसरी इत्यादि
दैनिक पत्रिकाओं में विभिन्न रचनाएं प्रकाशित