अरुंधति रॉय पेन पिंटर पुरस्कार से सम्मानित, दमदार और सहासी लेखक बताया
बुकर पुरस्कार से सम्मानित अरुंधति रॉय को निर्भीक और मुखर लेखन के लिए प्रतिष्ठित पेन पिंटर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साल 2009 में इंग्लिश पेन नामक चैरिटी द्वारा स्थापित यह पुरस्कार नोबेल पुरस्कार विजेता नाटककार हेरोल्ड पिंटर की स्मृति में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए दिया जाता है.
अरुंधति रॉय ने इस सम्मान के लिए प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा, “मुझे पेन पिंटर पुरस्कार स्वीकार करते हुए बहुत खुशी हो रही है. काश हेरोल्ड पिंटर आज हमारे बीच होते और दुनिया में हो रहे समझ से परे घटनाक्रमों के बारे में लिखते. चूंकि वह नहीं हैं, इसलिए हममें से कुछ लोगों को उनका स्थान लेने की कोशिश करनी चाहिए.”
इस साल के निर्णायक मंडल ने पुरस्कार के लिए अरुंधति रॉय के नाम का चयन किया था. निर्णायक मंडल में इंग्लिश पेन के अध्यक्ष रुथ बोर्थविक, अभिनेता खालिद अब्दुल्ला और लेखक व संगीतकार रोजर रॉबिन्सन शामिल हैं.
रुथ बोर्थविक ने कहा कि अरुंधति रॉय बौद्धिक और सुंदर तरीके से अन्याय की महत्वपूर्ण कहानियां बयां करती हैं. वह वास्तव में एक अंतरराष्ट्रीय विचारक हैं और उनकी शक्तिशाली आवाज को दबाया नहीं जा सकता.
अभिनेता खालिद अब्दुल्ला ने कहा कि अरुंधति रॉय स्वतंत्रता और न्याय की एक उज्ज्वल आवाज हैं, जिनके शब्द लगभग 30 वर्षों से अत्यंत स्पष्टता व दृढ़ संकल्प के साथ सामने आ रहे हैं.
ब्रिटिश लाइब्रेरी की सह-मेजबानी में आयोजित समारोह में 10 अक्टूबर को रॉय को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. अरुंधति रॉय को उनकी पुस्तक ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ के लिए साल 1997 में बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उनकी चर्चित पुस्तकों में ‘कॉस्ट ऑफ़ लिविंग’, ‘पावर पॉलिटिक्स’, ‘द अलजेब्रा ऑफ इनफिनाइट जस्टिस’ और ‘द ऑर्डिनर पर्सन्स गाइड टू एम्पायर’ शामिल हैं.