November 16, 2024


बच के रहना…

कोई गाँव हो या शहर बच के रहना
हवा में घुला है ज़हर बच के रहना

दिखाई न देती मगर जानलेवा
न जाने है कैसी लहर बच के रहना

यकायक कहाँ कब मुसीबत ये आए
हमीं पर ही टूटे कहर बच के रहना

संभल के रहो ज़िंदगी है ये अपनी
लगे न किसी की नज़र बच के रहना

यहाँ से वहाँ तक ठगों का है डेरा
चलेंगे वे चालें मगर बच के रहना

गिरीश पंकज

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