April 20, 2025

साहित्य

छत्तीसगढ़ी भाखा के पहला महाकवि कपिलनाथ कश्यप

आज अलग छत्तीसगढ़ राज अउ छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के बने के बाद छत्तीसगढ़ी लिखई के संगे-संग पढ़ई घलो ह पांखी...

सारंगढ़ के चावल और हैदराबाद की बिरयानी

डॉ. परिवेश मिश्रा साल 1946 के शुरूआती तीन महिनों में सारंगढ़ राज्य के हर गांव में ढेंकियों की आवाज़ गूंज...

“विश्व महतारी भाषा दिवस” – छत्तीसगढ़ी

घर के जोगी जोगड़ा, आन गाँव के सिद्ध - तइहा के जमाना के हाना आय। अब हमन नँगत हुसियार हो...

नोहर होगे उन्हारी- सार छंद

भर्री भाँठा खार भँठागे, घटके कती उन्हारी। चना गहूँ सरसो अरसी के, चक हे ना रखवारी।। पहली जम्मों गांव गांव...