साहित्य
दिल की खिड़की में टँगा तुर्की
लेखक :- रुपाली नागर 'संझा' विधा :- यात्रा संस्मरण अपनी पहली साँस से लेकर अंतिम साँस तक यूँ तो हर...
तुम इश्क़ करना
तुम इश्क़ करना और ज़रूर करना इस तरह से करना कि एक आंच तुम्हे छूते हुए गुज़रे। तुम इश्क़ में...
हिंदी की कविता
मैं हिंदी भारत की बेटी,राजभाषा कहलाती हूँ। भाषाओं में ये ओहदा पाकर, मन ही मन इठलाती हूँ। जन-जन की हूँ...
कहां है
पानी है पर प्यास कहाँ है, चातक सा अहसास कहाँ है।। अब दिल है सोने चाँदी के, रिश्तों में विश्वास...
तुम मेरी हो… हिंदी
तुम्हारे साथ, अहा .! सुखद अलौकिक अनुभूति, तुम सपनों में नित आती -जाती, घुंघराले- घुंघराले अक्षरों में, कोरे कागज पर...
नया सवेरा : पुष्पहार
झुरमुटों के बीच पड़ा हुआ बालपंछी, टकटकी लगाए निहारता घोंसले को । ढूँढती हुई निगाहें उसकी इधर-उधर, माँ किधर तोड़ा...
नया सवेरा :”सुन्दर तस्वीर”
हम सबने,एक चादर ओढ़ रखी है, चादर के हटते ही यदाकदा, झीनी-झीनी सी तस्वीर सामने आती है । बड़ी शिद्दत...
मैं प्रार्थना की भाषा में
- गौरव मैं प्रार्थना की भाषा में तुम्हारी हथेलियों को स्पर्श करता हूँ और पाता हूँ कि नियति ने उस...
बहन
जब बहन को विदा किया वह दूर किसी शहर चली गई घर बसाने कितना रोई थी रोते हुए देर तक...