November 23, 2024

Month: May 2023

घिस रहा है धान का कटोरा : लोक चेतना और सम्वेदना की कविताएं

मनुष्य का अपने परिवेश से सहज लगाव होता है। उसकी संस्कृति ,इतिहास ,स्मृतियां उसे प्रभावित करती हैं, और इस कारण...

भाषाई छल और वाग्जाल से परे है बख्शीजी का लेखन : डॉ.जयप्रकाश

भिलाई। पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी सृजन पीठ द्वारा इंडियन कॉफी हाउस सभागार सेक्टर 10 में 29 अप्रैल 23 को डॉक्टर प्रमोद...

अँधेरों की उम्र अधिक नहीं होती, खोजो मिलेंगे प्रकाश के मोती

आभार अनुज उपाध्याय जी पुस्तक चर्चा --------------- अँधेरों की उम्र अधिक नहीं होती, खोजो मिलेंगे प्रकाश के मोती। - कवि...