विज्ञान व्रत के नवीनतम ग़ज़ल संग्रह “रौशनी है आपसे”
विज्ञान व्रत हमारे समय की ग़ज़ल का एक सुपरिचित नाम हैं। पिछले कुछ दशकों में ये ग़ज़ल और हिन्दी ग़ज़ल को जिस तरह समृद्ध करते आये हैं, वह उल्लेखनीय है। ये एक ऐसे रचनाकार हैं, जिन्होंने अन्य ग़ज़लकारों की तरह एक लीक पर चलना न स्वीकार कर, अपनी ही एक अलग राह तलाश की और उस राह पर लगातार चलते रहने के कारण अपनी एक पहचान स्थापित की।
विज्ञान व्रत जी की ग़ज़लें बहुत सादगी और सरलता लिए हुए होती हैं लेकिन उतने ही गहरे व गंभीर भाव अपने भीतर लिए रहती हैं। यही विशेषता इस संग्रह की ग़ज़लों की भी है। ये सभी ग़ज़लें हमसे बोलती-बतियाती हैं।
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