November 17, 2024

एक कोशिश ताकां

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जीवन मेरा
तुझको समर्पण
आस लगाई
राह तकती आखें
कब आये साजन
!!
नयनों नीर
क्यूं ना समझे पीर
सांझ सवेरे
तडपूं निसदिन
स्वप्न हुये अधीर
!!
मुर्शीद मेरा
बसता रग रग
सांसें उससे
साया बन रहता
साहिब पग पग
!!
सोनम (सोनिया )अक्स़,

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