कार्यस्थल में यौन उत्पीड़न की घटनाएं सभ्य समाज के लिए कलंक, स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में वेबिनार
कार्य स्थल पर कामकाजी महिलाओं की स्थिति और यौन उत्पीडन की घटनाएं आज भी सभ्य समाज में जारी है और इसके रोकथाम के लिए स्वयं महिलाओं को सामने आना होगा। साथ ही इस संबंध में लागू कानून और नियमों का अधिक से अधिक प्रचार करना होगा। उक्त विचार स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय भिलाई के राष्ट्रीय वेबिनार में भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय महू की कुलपति प्रो आशा शुक्ल ने व्यक्त किए। इस वेबिनार की मुख्य अतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा थीं।
श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको भिलाई के महिला प्रकोष्ठ के द्वारा ”कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न, रोकथाम: निषेध और निवारण विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डाॅ. अरुणा पल्टा कुलपति हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग, विशिष्ट वक्ता डाॅ. प्रिया पाण्डेय राव, सहा.प्रा. विधि अध्ययन शाला, पंडित रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय रायपुर थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. आशा शुक्ला, कुलपति डॉ.बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महु, ब्राउस,इंदौर (मध्य प्रदेश) ने की।
कार्यक्रम की संयोजिका डाॅ. तृषा शर्मा, प्रभारी महिला सेल ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाष डालते हुए बताया महिलाएं सशक्त हैं कमजोर नहीं..वो उचें पदों पर आसीन हैं और सफलता पूर्वक अपने दायित्व का निर्वहन भी कर रही हैं ये आज के कार्यक्रम के अतिथियों से हम अंदाजा लगा सकते हैं ..बावजूद इसके आज हम इस बेहद संजीदा और गंभीर विषय को लेकर बातचीत करने पर मजबूर हैं क्योंकि गाहे बगाहे इस तरह का वाक्या हमे अक्सर सुनाई देता है. ..ये कटु सत्य है इससे इनकार नहीं किया जा सकता ..ऐसी परिस्थितियों के आने पर अक्सर महिलाएं समाज के डर से चुप हो जाती हैं..महिलाएं इन परिस्थितियों का सामना किस तरह करें ..कैसे इन्हें रोका जाए ..महिलाओं के पास कौन कौन से लीगल राइट्स हैं जिनका प्रयोग वो अपनी आत्मरक्षा के लिए कर सकती हैं, इस समय मानसिक रूप से स्वस्थ कैसे रहें और अपना कॉन्फिडेंस कैसे बना कर रखा जाए..ये महत्वपूर्ण बिंदु हैं ..इसी उद्देश्य को लेकर इस वेबिनार का आयोजन किया गया है ।
महाविद्यालय के सीओओ डाॅ. दीपक शर्मा ने महिला प्रकोष्ठ की सराहना करते हुये कहा कि इस संवेदनशील विषय पर वेबिनार के आयोजन से महिलायें अपने कानूनी अधिकार एवं प्रावधान को समझ पाऐंगी।