त्र्यंबक राव साटकर की तीन कविताएं
नई सुबह, नया प्रभात, 🙏🍀🍀 * वक्त का समय * अभी वक्त ने समय मांगा है , थोड़ा ठहरो फिर...
नई सुबह, नया प्रभात, 🙏🍀🍀 * वक्त का समय * अभी वक्त ने समय मांगा है , थोड़ा ठहरो फिर...
क्या तुम दे सकते हो मेरी कलम को अपनी सानिध्य की घनी छांव तपते हुए रेतीले पथ पर क्षण भर...
श्रीकांत वर्मा कोई छींकता तक नहीं इस डर से कि मगध की शांति भंग न हो जाए, मगध को बनाए...
श्रीलाल शुक्ल माघ की रात। तालाब का किनारा। सूखता हुआ पानी। सड़ती हुई काई। कोहरे में सब कुछ ढँका हुआ।...
बाल कविता लेखन के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बना चुके कवि शंभूलाल शर्मा वसंत अब नहीं रहे । 11...
कंधे पर बंदूक उठती स्त्री,एक दूसरे के साथ कदम से कदम मिलती चलती है,अब वो खड़ी होती हैं सीमाओ पर...
संगिनी के प्रति ----------------- (डाॅ.बलदेव) जिनको आकार दिया है तुमने वे नदी बने, पहाड़ बने नदी सदा-नीरा पहाड़ सदावर्त हरा-भरा...
सुरता// 27 मई जयंती साहित्यकार मनके धारनखंभा रिहिन डॉ. बलदेव साव डॉ. बलदेव के चिन्हारी हिन्दी अउ छत्तीसगढ़ी साहित्य जगत...