लोक का प्रतिबिंब-” सुरति अउ सुरता”
वीरेन्द्र सरल लोक साहित्य , लोक जीवन के अनुभवों का निचोड़ होता है। जिसके आलोक में हम अपने वर्तमान को...
वीरेन्द्र सरल लोक साहित्य , लोक जीवन के अनुभवों का निचोड़ होता है। जिसके आलोक में हम अपने वर्तमान को...
आरती शर्मा द्वारा रचित कविता संग्रह की समीक्षा —------------------------------------------------ समीक्षक : डॉ किशोर अग्रवाल रीमा दीवान चड्ढा ने बहुत ही...
यह दस्तक दी है कवि/शायर अशोक कुमार 'नीरद' के हाल ही में प्रकाशित ग़ज़ल संग्रह "अंकुर बोलते हैं" ने। यह...
मैं छत्तीसगढ़ के जिस इलाके (खैरागढ़ छुईखदान गंडई) से आता हूँ, वह मैकल पर्वत श्रेणी का पूर्वी भाग है ।...
लोक साहित्य का पिछले 200 सालों में जो सृजन हुआ या कबीर, सूर, मीरा, तुलसी आदि का जो लोक साहित्य...
"लड़- लड़ के मर जाहूं संग तोरे , रोबे झन ते हांस देबे । सुरता ला तै छांट देबे ,...
जिन्हें "मैं-मैं-मैं-मैं" का राग अलापना नहीं आता और जो अपने आपको जतलाना नहीं जानते, समय के साथ वे सामान्यतः हाशिये...
आज बेगूसराय, बिहार में, विप्लवी पुस्तकालय द्वारा पुरुषोत्तम अग्रवाल को नामवरसिंह सम्मान दिया जा रहा है। यह सम्मान हमारे लिए...
है - जिसमें "हताशा से बैठ गए व्यक्ति" को पहचान कर "हाथ बढ़ाने वाली करुणा" भीगी दिखाई पड़ती है। "नमस्कार...
भारत वार्ता के फरवरी अंक में भी पढ़िए - भक्ति आंदोलन की परवर्ती सगुण काव्यधारा की रामभक्ति शाखा के प्रतिनिधि...