व्यवस्था के अंधेरे पक्ष का निर्मम अनावरण है डा. बलदेव की कविता ” अंधेरे में”
81 वीं जयंती के अवसर पर __________________________________ * डा. बलदेव होने का अर्थ * (27 मई 1942 - 06 अक्टूबर...
81 वीं जयंती के अवसर पर __________________________________ * डा. बलदेव होने का अर्थ * (27 मई 1942 - 06 अक्टूबर...
क्या तुम सुनते हो सूर्य के भीतर जल रही हायड्रोजन की आवाज़, जब तुम सूर्य को अर्घ्य दे रहे होते...
कर्नाटक की गर्मी में कुछ साल बिताने के बाद 1814 के आसपास कैप्टन फ्रेडरिक यंग नामक एक आर्मी अफसर का...
" पापा ! ये देखिए , इन आंटी का चेहरा एकदम दादी जैसा लग रहा है । मम्मी आप भी...
युद्ध का बिगुल या, शांति का दान। अंतर नहीं समझते, हम निरा मूर्ख इंसान। युद्ध की विभीषिका, बना रही श्मशान।...
पुनूराम साहू ‘राज’ मगरलोड ---------------------------------- छत्तीसगढ़ प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन, रायपुर में ‘हिन्दी का भविष्य’ पर अपना व्याख्यान देकर अपनी...
ओ अग्निपुंज कुंजबिहारी ! (1) (1) राजनांदगांव बल्कि छत्तीसगढ़ और आज़ादी के इतिहास की तरुणाई के एक अग्निमय नायक कुंजबिहारी...
छत्तीसगढ़ में हर जगह प्रभु श्रीराम के दर्शन होते हैं। रामायण के प्रसंग पर आधारित ग्राम तुलसी में शिवनाथ नदी...
दिन अउ रात अपन खून पसीना बहाके, सिंचत हे किसान हमर देस के माटी। इहां किसान मेहनत करत रहि जाथे,...
रसिक रचित रचना है प्रेम, या भ्रमित भावना कल्पना है प्रेम। उगता है प्रेम, खेतों खलिहानों में भी, और पकता...