हावड़ा वाले पुल पर से
■ शहंशाह आलम ग़ज़ब है भादों, जो मेरे घर को आधा पानी आधा घर दिखा रहा था हावड़ा वाले पुल...
■ शहंशाह आलम ग़ज़ब है भादों, जो मेरे घर को आधा पानी आधा घर दिखा रहा था हावड़ा वाले पुल...
हमारी संस्कृति में जितनी विशिष्टताएँ मिलती हैं उतनी शायद ही अन्यत्र किसी संस्कृति में मिलती हों। हम पंचतत्वों के साथ...
गिरीश पंकज मिर्ज़ा मसूद जी की काया 20 जुलाई को रायपुर में सुपुर्द-ए-खाक हो गई. 19 जुलाई को उनका इंतकाल...
अब दूर गगन में कहीं खो गया है सुबह 5 बजे मेरा मोबाइल बज रहा है पर मैं गहरी नींद...
( प्रथम किस्त.....................बातें कुछ ज्यादा लम्बी है और विभिन्न विषयों पर है इसलिये इसे किस्तो में पोस्ट कर रहा हूं।...
राचर एक दरवाजा होता है जो घर के बाहर घेरे से अंदर आने की जगह पर लगा रहता है। यह...
-------------------------------- कविता / डॉ. वागीश सारस्वत हाँ, मैं तुमसे प्यार करता हूँ तुम भी बखूबी जानती हो ये बात जान...
बात 1956 की है । मैं उस साल दिल्ली के लिए प्रस्थान कर रहा था क्योंकि लोकसभा सचिवालय में मेरी...