April 19, 2025

कविता

गीत-मुग्ध हुए द्वय रहे देखते

चलते-चलते मिले राह में, मिलकर दोनो हर्षाए। मुग्ध हुए द्वय रहे देखते, बोल न अधरों से पाए।। अनजाने वे पथ...