विशाखा मुलमुले की कविताएँ
1 ) माँ - मायके की नदी एक नदी एक नदी को पार कर मिलने जाती है एक और नदी...
1 ) माँ - मायके की नदी एक नदी एक नदी को पार कर मिलने जाती है एक और नदी...
शह्र में ये कौन है आया हुआ, कारवां उसका है क्यूं उजड़ा हुआ। मुझसे वो क्यूं दूर अब रहने लगा,...
पहचान प्रमाण पत्र ------------------------ हमारी रुह के राशन कार्ड हमारे व्यक्तित्व का आधारकार्ड हमारे जीवन सफर का ड्राइविंग लाइसेंस हमारी...
हाथ में हाथ हो और तुम साथ हो ख़ुशनुमा हो सुबह ख़ुशनुमा रात हो जुगनुओं की चमक से चमकती हुई...
क्रोधित प्रकृति का भयावह प्रलय जीवन संघर्ष प्रतिशोध की अग्नि मनुजता का कलंक बन भम्मी भूत कर राख बनाने आतुर...
विस्तृत है पिता पर्वत की तरह अटल हैं पिता जिसकी सीधी ढलान से पाए हैं हम ऊपर चढ़ने का हौसला...
हल भी चलाएं और बीज भी बोए । सबको खिलाए और हम भूखे सोए ।। कितने लाचार मजबूर है हम...
आओ हम सब योग करें, योग से दूर रोग करें आओ हम सबको जागरूक करें आओ हम 'योग से निरोग'...
योग के संयोग से आओ धरा को स्वस्थ कर लें आओ धरा को स्वस्थ कर लें। आन की है, शान...