आज की सबसे बड़ी समस्या है पर्यावरण की सुरक्षा, सुनिये पेड़🌳🌲🌴 पौधे क्या कह रहे है, एक दर्द भरी आवाज
उखाड़ा नहीं जड़ से, काट दिया धड़ से| परिवार बिखर गया, अब कौन किधर गया| जमाने से पोसता रहा, साथ...
उखाड़ा नहीं जड़ से, काट दिया धड़ से| परिवार बिखर गया, अब कौन किधर गया| जमाने से पोसता रहा, साथ...
बूढ़ी हो जाती है धीरे-धीरे छुपा देती है अपनी अल्हड़ता शहतूत की किसी टहनी पर बूढ़ी होती स्त्री अपने बचे...
तुम बारिश की तरह आईं और एकबारगी तेज झिपार से प्रेम से सराबोर कर गईं मैं भींगता रहा-- भींगता रहा...
तुम्हारे 'हिज्र का सदमा बड़ा 'निराला है। ग़म - ए- जहाँ 'से इसी ने हमें 'निकाला है। उसी के नूर...
इन दिनों मैं- जुगनू हो गया हूं ढूंढ़ता फिरता हूं उम्मीदों के दीप जो रोशन कर सकें तुम्हारी नाउम्मीदियों को।...
तू गुनाहों का देवता मैं पीली छतरी वाली लड़की तू जैसे राम निराला का मैं श्रद्धा प्रसाद के मन की...
रश्क होता है! प्रकृति से मुझे रश्क होता है! कभी-कभी जब देखती हूं, आसमान के रंगों को तब। महसूस होता...
अजीब सी चुप्पी तो है पर इशारा करती है छुपा है कोई तूफान वक्त के सीने में उखाड़ फेंकने को...
"देश की बेटी" मुझमें जुनून है, हिम्मत है,हौसला है। ऐसी कोई डोर नहीं, रोके जो पतवार को। मैं बढ़ चली,...
आँखों की नमीं बहुत कुछ बयाँ करती है आँखों की नमीं ये तो पढ़ने वाले ही समझते है इसकी गहराई...