सारंगढ़ के चावल और हैदराबाद की बिरयानी
डॉ. परिवेश मिश्रा साल 1946 के शुरूआती तीन महिनों में सारंगढ़ राज्य के हर गांव में ढेंकियों की आवाज़ गूंज...
डॉ. परिवेश मिश्रा साल 1946 के शुरूआती तीन महिनों में सारंगढ़ राज्य के हर गांव में ढेंकियों की आवाज़ गूंज...
कभी साहित्य ने धर्म को दिशा दी थी जिसका प्रमाण रामायण और महाभारत से लेकर भारत के लगभग हजार सालों...
घर के जोगी जोगड़ा, आन गाँव के सिद्ध - तइहा के जमाना के हाना आय। अब हमन नँगत हुसियार हो...
- रज़िया सज्जाद ज़हीर प्रगतिशील लेखक संघ के संस्थापक सज्जाद जहीर को तो पूरी दुनिया जानती है लेकिन उनकी अफसाना...
हमन जब कभू छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक मंच के माध्यम ले छत्तीसगढ़ी गीत-संगीत के जागरण अउ गौरवशाली रूप के बात करथन त...
समकालीन कविता में गहरी दिलचस्पी रखनेवाले श्रीनारायण समीर एक प्रबुद्ध आलोचक हैं। उन्होंने नक्सल बाड़ी आंदोलन और आठवें दशक की...
बनारस में दो रातें बीत चुकी थीं फिर भी बेचैनी भीतर थी. घाटों में पैदल से लेकर नाव तक मस्ती...
(अट्ठाइसवीं पुण्यतिथि पर स्मरणांजलि) केदार यादव का जन्म दुर्ग में 06 जून 1952 हो हुआ था। उनके दादा बाँस गीत...
वेरियर एल्विन भारतीय मानवशास्त्र में एक चर्चित नाम हैं। उनका अध्ययन क्षेत्र मुख्यतः मध्य भारत के जनजातीय क्षेत्र रहा है।...
महादेवी मैं तो नास्तिक हूँ नेहरूजी ने कहा ! मैंने कहा ठीक है भाई देखेंगे तुम्हारी नास्तिकता भी कभी !...