“स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ी सुराजी काव्य और साहित्य का योगदान”
अंग्रेजों ने व्यापार करने के बहाने भारत की पुण्य धरा पर कदम रखे और अपने पैर पसारते गये। देश गुलाम...
अंग्रेजों ने व्यापार करने के बहाने भारत की पुण्य धरा पर कदम रखे और अपने पैर पसारते गये। देश गुलाम...
स्वाधीनता की इच्छा मनुष्य की स्वाभाविक जीवनी शक्ति है। प्रत्येक समाज और राष्ट्र की अस्मिता स्वाधीनता बोध पर टिकी होती...
कहा जाता है कि मातृत्व एक खूबसूरत एहसास है,बच्चे की तोतली जुबान से पहली बार माँ शब्द सुनना, किसी भी...
सामंती जीवन मूल्यों में स्त्री की स्थिति द्वितीयक रही है।वहाँ स्त्रियों के अस्तित्व को सहज नहीं लिया जाता रहा।ऐसा समाज...
छत्तीसगढ़ में भोजली पर्व अच्छी फसल की कामना एवं मित्रता के प्रतीक पर्व के रूप में पूरे छत्तीसगढ़ विशेष कर...
-डाॅ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’, इन्दौर जब युद्ध दो देशों के मध्य चल रहा होता है तब उससे अप्रभावित देशों की...
समन्दर पानी का नहीं बादलों का था। जंगल पेड़ों के नहीं बादलों के थे। दूर तक क्षितिज में जो पहाड़ों...
भोजली यानी ‘भो-जली‘ अर्थात भूमि में जल हो। हमारे छत्तीसगढ़ की महिलाएं गीतों के माध्यम से यही कामना करती हैं...
शैल देवी महाविद्यालय की बीएससी बीएड के प्रशिक्षणार्थी व सहायक प्राध्यापकों के द्वारा रक्षाबंधन का पावन पर्व पुलगांव वृद्धाश्रम में...
संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् द्वारा राज्य स्तर पर सप्ताह का आयोजन रक्षाबंधन...