चम्बल की घाटी में : मुक्तिबोध
मुक्तिबोध की कविताएं गहन रूपकात्मकता में आधुनिक मनुष्य के अंतर्द्वंद्व,उसकी पीड़ा, संघर्ष को प्रकट करती हैं।उनके यहां वैचारिक अंतर्द्वंद्व अत्यधिक...
मुक्तिबोध की कविताएं गहन रूपकात्मकता में आधुनिक मनुष्य के अंतर्द्वंद्व,उसकी पीड़ा, संघर्ष को प्रकट करती हैं।उनके यहां वैचारिक अंतर्द्वंद्व अत्यधिक...
राजा ने एक भाषण दिया। कुछ ज्यादा ही जोश में दिया। भाषण पर बवाल मच गया। वैसे उसके हर भाषण...
आलोक पुराणिक बहुत बड़े कहानीकार, उपन्यास लेखक प्रेमचंद की एक क्लासिक कहानी है-नमक का दारोगा, इसमें एक ईमानदार दारोगा वंशीधर...
डॉ रामविलास शर्मा हिंदी आलोचना के श्रेष्ठ मार्क्सवादी-लोकवादी आलोचक हैं।'लोक' की चिंता और उसका जागरण उनकी आलोचना का केंद्रीय ध्येय...
【27अप्रैल नारायण लाल परमार जी की पुण्यतिथि पर विशेष आलेख】 - डॉ . बल्देव अपने भीतर एवं निहायती देहाती किस्म...
◆ स्मृतियों का नाद ◆ ■ रा जे श ग नो द वा ले "जब बजाया जाता तब तो अपनी...
एक बार आठ-दस साल का चार्ली चैप्लिन लंदन की दुपहरी में घर के बाहर खड़ा था. बस यूं ही गली...
मनुष्य का अन्तःकरण उसे उचित-अनुचित के निर्णय लेने का विवेक प्रदान करता है। मुक्तिबोध अपने साहित्य में बहुत से नए...
- के० पी० अनमोल हिंदी भावधारा की ग़ज़लों के रचनाकार निरंतर अपनी विधा को समृद्ध करते जा रहे हैं। ख़ूब...
भारत मे ब्रिटिश साम्राज्य का अधिपत्य होना इसके 'भाग्य' के लिए उचित नहीं कहा जा सकता। साम्राज्यवाद चाहे जो भी...