November 23, 2024

साइना सिनेमा की सार्थकता के नये आयाम

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“साइना ” – समीक्षा
हमारे देश में फौजियों और खिलाड़ियों का अभिनय करने वालों की पूछ परख फौजियों और खिलाड़ियों से अधिक होती है ।मैरी कॉम के पदक जीतने पर लोग नेट पर प्रियंका चोपड़ा को सर्च करने लगते हैं।बैडमिंटन की स्टार प्लेयर साइना नेहवाल की बायोपिक है फिल्म साइना । मैं कोई फिल्म समीक्षक नहीं हूं फिर भी मैं इस फिल्म की समीक्षा लिख रहा हूं क्योंकि बैडमिंटन मेरा प्रिय खेल है और साइना मेरी पसंदीदा खिलाड़ी रहीं हैं। साइना और सिंधु में या सचिन और विराट में कौन श्रेष्ठ है यह बताना सभी के लिए कठिन है परंतु यह कोई भी बता सकता है कि इस फिल्म में साइना नेहवाल के साथ न्याय नहीं हुआ है। फिल्म में कमियों की भरमार है और खूबियां गिनी चुनी है, अतः खूबियों की बात पहले कर ली जाए । साइना का बचपन का रोल करने वाली निशा कौर ने स्वाभाविक स्वाभाविक अभिनय किया है। परिणीति चोपड़ा मानव कौल और अन्य कलाकारों ने अपनी भूमिका को ठीक-ठाक निभाया है ।मध्यम वर्गीय परिवार के जद्दोजहद का बखूबी चित्रण किया गया है ।साथ ही साइना के संघर्ष और उसकी जिंदगी के अनछुए पहलुओं को भी फिल्म में जगह मिली है ।
इस फिल्म की पूरी टीम और खासकर इसके डायरेक्टर श्री अमोल गुप्ते दर्शकों पर किसी भी तरह का प्रभाव डालने में विफल रहे हैं। बैडमिंटन एक रोमांचक खेल है पर पूरी फिल्म में कहीं पर भी रोमांच नहीं दिखता। खिलाड़ियों को पूरे ग्राउंड में खेलते हुए बहुत ही कम दिखाया गया है ।उनके हाथ पैर या शरीर का कुछ हिस्सा ही दिखाई देता है और दर्शक चल रहे मैच से कनेक्ट ही नहीं हो पाते । इस फिल्म के निर्माताओं को चक दे और दंगल जैसी फिल्मों से कुछ सीखना चाहिए था ।धीरज कुमार के बारे में लोग बोलते थे मुंह टेढ़ा करके बोलना ही एक्टिंग नहीं है । इस फिल्म को देखने के बाद मैं या आप परिणीति चोपड़ा को यही कहेंगे गुस्से से देखना ही एक्टिंग नहीं है । फिल्मकारों ने फिल्म पर ध्यान देने के बजाय परिणीति को साइना जैसी दिखाने में ही अपनी पूरी ऊर्जा खर्च कर दी । आपको एक कलाकार की नैसर्गिक प्रतिभा को सामने लाना चाहिए और उस पर अनावश्यक दबाव जैसे साइना कैसे चलती है कैसे मुस्कुराती है कैसे रिएक्ट करती है नहीं होना चाहिए।साइना ने बड़े बड़े मैच जीते हैं। साइना विश्व की नंबर एक खिलाड़ी भी रही है, उसने ओलंपिक में कांस्य पदक भी जीता है । पी वी सिंधु के विरुद्ध भी उनका स्कोर 3 – 1 का रहा है ।इन दोनों का मैच भी दिखाया जा सकता था ।
मैं इस फिल्म को पांच में से दो स्टार ही दूंगा । यदि आप साइना नेहवाल या परिणीति चोपड़ा के फैन हैं तो आप यह फिल्म देख सकते हैं ।
राजशेखर चौबे, रायपुर

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