गोल-मोल कर क्या उलझाना?
गोल-मोल कर क्या उलझाना?
साफ़ -साफ़ कह देना अच्छा!
उलझा देगा ताना – बाना;
साफ़ -साफ़ कह देना अच्छा!
जब सीधे रस्ते जाना हो, टेढ़ी-मेड़ी गालियाँ छोड़ो।
सीधे-सीधे बात कहो न ! प्रश्नों पर यूँ मुँह न मोड़ो।
मन को झूठा क्या बहलाना?
साफ़ -साफ़ कह देना अच्छा!
उलझा देगा ताना – बाना;
साफ़ -साफ़ कह देना अच्छा!
बातों के जब तार उलझते, सुलझाना मुश्किल होता है।
टालमटोल करोगे तो फिर, समझाना मुश्किल होता है।
क्या कर लेगा नया बहाना?
साफ़ -साफ़ कह देना अच्छा
उलझा देगा ताना – बाना;
साफ़ -साफ़ कह देना अच्छा!
©️®️भावना आरोही