“जाति” जाती नहीं
जाति है कि जाती ही नहीं नहीं छोड़ती पीछा कभी छोड़ कर भागना भी चाहे शन्नो जाति भी दौड़ते-दौड़ते पहुँच...
जाति है कि जाती ही नहीं नहीं छोड़ती पीछा कभी छोड़ कर भागना भी चाहे शन्नो जाति भी दौड़ते-दौड़ते पहुँच...
अंतहीन पीड़ा से खुद से मोह मिट गया है, अब दूर निकल जाऊँ मैं बहुत, निर्जनता में, कि, हृदय के...
मनीषा खटाटे नासिक महाराष्ट्र. प्रास्ताविक — काल समय के अनुसार बार बार लौटता है.वर्तमान मनुष्य की सभ्यता फिर से वही...
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आकाशवाणी से प्रत्येक माह प्रसारित होने वाली ’लोकवाणी’ की 18वीं कड़ी में बातचीत की शुरूआत...
हिंदी के सुपरिचित एवं विशिष्ट कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने जब अपनी काव्य-यात्रा शुरू की तो वह छायावाद के उत्थान...
"खुमान साव होने का अर्थ" खुमान साव किसी व्यक्ति का नहीं, वस्तुतः छत्तीसगढ़ी संगीत का नाम है। खुमान साव छत्तीसगढ़ी...
समीक्षक : किशोर " संगदिल-परबुधिया " हस्ताक्षर साहित्य समिति, दल्ली राजहरा. यूं तो किसी भी रचना की समीक्षा करना चाहे...
सन् 1947 के आसपास की बात है, गांधी जी के तीन बंदर देखकर लोग पूछने लगे थे- अभी तक ये...
मूल लेखक : हर्नांडो टेलेज़ अनुवाद : सुशांत सुप्रिय दुकान में घुसते हुए उसने कुछ नहीं कहा । मैं अपने...