April 19, 2025

साहित्य

लोकपर्व, लोकचित्र, लोककथा…

हमारी संस्कृति में जितनी विशिष्टताएँ मिलती हैं उतनी शायद ही अन्यत्र किसी संस्कृति में मिलती हों। हम पंचतत्वों के साथ...

मिर्ज़ा मसूद : उनकी आवाज ही उनकी पहचान थी

गिरीश पंकज मिर्ज़ा मसूद जी की काया 20 जुलाई को रायपुर में सुपुर्द-ए-खाक हो गई. 19 जुलाई को उनका इंतकाल...

गांव, रीतिरिवाज और परंपराएं

( प्रथम किस्त.....................बातें कुछ ज्यादा लम्बी है और विभिन्न विषयों पर है इसलिये इसे किस्तो में पोस्ट कर रहा हूं।...

हाँ, मैं तुमसे प्यार करता हूँ

-------------------------------- कविता / डॉ. वागीश सारस्वत हाँ, मैं तुमसे प्यार करता हूँ तुम भी बखूबी जानती हो ये बात जान...