मैं अपने साहस पर आज तक अचंभित हूँ…
तुम मुझे अच्छी लगती हो और तुम्हारी निकटता अर्थपूर्ण मैं जब भी तुम्हारे आस-पास होता हूँ शब्द उतरते हैं जैसे...
तुम मुझे अच्छी लगती हो और तुम्हारी निकटता अर्थपूर्ण मैं जब भी तुम्हारे आस-पास होता हूँ शब्द उतरते हैं जैसे...
चार दिनों से सूरज बंदी है बादल के गांव में सुख-सुपास के दिवस खो गए छेद हुए हैं छांव में...
फगवाड़ा-पंजाब के सुप्रतिष्ठित साहित्यकार व समीक्षक श्री दिलीप कुमार पांडेय ने मेरी क्षणिका-संग्रह कृति 'रोशनी के द्वार पर समग्र दृष्टि...
☕️नशा ☕️ चाय की प्याली मेरे लिये सिर्फ़ चाय की प्याली नहीं है जीवन का नवीन संदर्भ देने वाली है...
जब हम मुकेश की चर्चा करते हैं तो एक ऐसे प्रखर व्यक्तित्व की झांकी हमारे सामने आती है जो संगीत...
एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हुए कहा..."चिट्ठी ले लीजिये।" आवाज़ सुनते ही...
28 अगस्त पुण्यतिथि म सुरता हमर इहाँ जब कभू छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक मंच के सोनहा बेरा के सुरता करे जाही, त...
कितनी हवा थी ! जहां कुछ भी नहीं था वहां भी हवा थी दौड़ती भागती हांफती नाचती धूल फांकती चलती...
नसीरुद्दीन शाह केवल अदाकारी के कारण ही नसीर साहब नहीं बने बल्कि अपने एटिट्यूड के कारण भी यहां तक पहुंचे...