ये वही लड़कियां हैं जिन्हें …..
खुश अब देश है । खुशी भी दी तो स्त्रियों ने अपनी बूते , अपनी मेहनत और लगन से ।...
खुश अब देश है । खुशी भी दी तो स्त्रियों ने अपनी बूते , अपनी मेहनत और लगन से ।...
हम क्या थे और क्या हो गए जीने के अब सारे- अर्थ ही खो गए सोचें हम क्या थे और...
अंडा कस महतारी हर सेवत हे छाती ले चिपका के साँसे म सेवत हे बुढ़वा, बचपन ल खोजत हे दाई...
प्रदीप श्रीवास्तव वह साँवली सी बमुश्किल पंद्रह-सोलह वर्ष की रही होगी। यही कोई पाँच फुट उसकी ऊँचाई थी। पहले लम्बे...
बरसे बादरिया झूम-झूम , हरसे हियरा छाये उमंग । धरती गाये गीत पवन संग, चहकें चिड़िया अति प्रसन्न। सब ओर...
अर्ध रात्रि का ज्ञान पकने का समय कई दिनों से अब तक/लिखने का समय 8.00 पी.एम. से 12.35 ए.एम. दिनांक-26...
एक रचनात्मक व्यक्तित्व की विडम्बना बहुधा सांसारिक व्यावहारिकताओं से सामंजस्य न बिठा पाने की होती है।वह बहुत से मामलों में...
कलकत्ते में कभी जंगल भी थे पेड़ भी थे विशाल पौधे भी थे औषधियो के सांप भी थे बिच्छूभी थे...
विनाश विनाश करना है लेकिन कहना है विकास करना है तर्ज़ भी बता दो माडल भी दिखा दो जिस पर...
एक शहतूत का पेड़ है जिसकी शाखें ढँकने लगी हैं खिड़की का द्वार कभी-कभी सोचती हूँ शाख़ें क्यों नहीं लिपट...