November 22, 2024

कविता

एक ताज़ा तरीन ग़ज़ल हालात ए हाज़िरा पर आप सब की पेश ए ख़िदमत है मुलाहिजा़ हो

छुपा है क्या इरादा अब तुम्हारा साफ़ दिखता है मनाओ जश्न अच्छे दिन हैं आए मुल्क बिकता है लगी है...