उथल-पुथल है जहां में…
उथल-पुथल है जहां में, जिन्दगी घबरा रही है| हकीकत से रूबरू हो, सुनामी आ रही है || कुछ कमी-कमी सी...
उथल-पुथल है जहां में, जिन्दगी घबरा रही है| हकीकत से रूबरू हो, सुनामी आ रही है || कुछ कमी-कमी सी...
मनस्वी अपर्णा कृष्ण है रंग में,रास में कृष्ण है, कृष्ण आभास में,सांस में कृष्ण है //१// कृष्ण में सृष्टि पूरी...
प्रेम पास नहीं तो क्या! खुलने दो उसके पंख... विचरने दो उसे स्वच्छंद एक नये क्षितिज पर वह निजाकार लेगा...
छुपा है क्या इरादा अब तुम्हारा साफ़ दिखता है मनाओ जश्न अच्छे दिन हैं आए मुल्क बिकता है लगी है...
चलती थमती, साँसों की तरतीब में नहीं आत्मा में निरन्तर बजते संगीत की अनगढ़ लय में लौटना । किस विधि...
आई राखी आई रे ढेरों खुशियां लाई रे ये दौर ने तो गजब ढाया डाकिए को घर- घर दौड़ाया जिसने...
लाल पत्थरों का देश मेरा मादरेवतन.... दहशतगर्दी के दहकते अंगारों से झुलसती धरती पर सब्ज़-ख़याल! ख़याली तो नहीं हैं महज़...