आज के कवि
ये कहने से ज़्यादा रहा कुछ नहीं है, नया दिन है लेकिन नया कुछ नहीं है. है घर में घुटन...
ये कहने से ज़्यादा रहा कुछ नहीं है, नया दिन है लेकिन नया कुछ नहीं है. है घर में घुटन...
मेरा परिचय बस इतना सा। मेरा परिचय बस इतना सा मै तीर्थराज प्रयागराज की पुत्री हूं ! मां गंगा की...
मैंने देखा है दूर कहीं पर्बतों के पेड़ों पर... मैंने देखा है दूर कहीं पर्बतों के पेड़ों पर शाम जब...
मेरा परिचय बस इतना सा। मेरा परिचय बस इतना सा मै तीर्थराज प्रयागराज की पुत्री हूं ! मां गंगा की...
नाइजर स्टेट की ओर… अगली सुबह 5:00 बजे हम चारों तैयार थे। वही ड्राइवर ठीक समय पर हमें लेने आ...
उदासी में चलो फिर मुस्कुराते हैं,किसी प्यासे को पानी देके आते हैं कभी एक पेड़ जब कोई लगाता है,परिंदे आसमां...
कवितुमने कहा थापूछना नदी सेकि तुम कैसी हो…!! सुनो न कवि, पुल से गुजरते हुएएक दिनपूछ ही लिया मैंनेनदी तुम...
तुम मेरे इस लिबास परमत जानाशायद तुम मेरेइस लिबास में छुपी निश्छलता कोसमझ न पाओगेमेरे लिबास में छुपाएक सामान्य जीवनऔर...
जाग उठो, अब जाग उठो, हम सबकी जान बचाना है,इस कोरोना महामारी से , भारत को मुक्त कराना है l...