आज की नई गजल
अलग कुर्सी से, हो गए पाए।जो थे सहारे,हो गए पराए ।। निशां तक नहीं,अहले वफा का।आदमी दिल लगाने,कहाँ जाए।। हुए...
अलग कुर्सी से, हो गए पाए।जो थे सहारे,हो गए पराए ।। निशां तक नहीं,अहले वफा का।आदमी दिल लगाने,कहाँ जाए।। हुए...
काँटों भरी डगर है आजशामत भरा सफ़र है आजमेघ घनेरे छाए हैंअँधियारों के साए हैंउम्मीदों के दीप जलापल में दिल...
शराब, मय, मयकदा, रिन्द, जाम, पैमाना, सुराही, साकी आदि विषय-वस्तु पर हजारों गजलें बनी, फिल्मों के गीत बने, कव्वालियाँ बनी।...
आओ आज हँसते हंसाते हैमाहौल को आसान बनाते हैबहुत हो चुका अब तकबाते कोरोना की ही करते हर कोई उदास...
लालित्य ललित उसका रास्ता मत रोकोउसे छन कर आने दोखिड़की-किवाड़ों को खोल दोउसे आने दोमन भी स्वच्छ होगा और तन...
लालित्य ललित हार जाता हैअपने ही नालायक बच्चों सेबच्चों के लिएउसका मूल्य तभी तक रहता हैजब तक वह प्रोपर्टी के...
मैं चारों तरफ फैलेपरमात्मा केनैसर्गिक सौंदर्य मेंबंधकर रह गई हूं देखती हूँमूसलाधार बारिश मेंझूम झूम कर नहाते पेड़दूर नदी की...
सूरज दादा जल्दी जाओचंदा मामा झटपट आओ।।… लगे चाँदनी राज दुलारे।चाँद सितारे प्यारे-प्यारे।।नील गगन तब दिखते न्यारे।।संग हमारे नाचो गाओ।चंदा...