आलोक तिवारी की कविता
बाबा बाबा जंगल जा रही हूँलकड़ी लेनेदोपहर तक ना लौटूंमुझे तलाशने आना । बाबा ध्यान से चलनामेरी टूटी हुई चूड़ीतेरे...
बाबा बाबा जंगल जा रही हूँलकड़ी लेनेदोपहर तक ना लौटूंमुझे तलाशने आना । बाबा ध्यान से चलनामेरी टूटी हुई चूड़ीतेरे...
पंचांग कुछ चीजें हकीकत में जितनी सुंदर होती हैउतनी तस्वीरों में नहीं लगतीजैसे आसमाँ पे उँकेरा गया सोलह कलाओं का...
बैसाख की गर्म रातों मेंआसमान के चँदोवा नीचेपंखा झलती, कहानी सुनातीनानी अक्सर सो जातीं छूट जाता कहानी का सिराबच्चे नानी...
घोटूल , चापड़ा चींटी , चित्रकोट जलप्रपात, कुटुमसर गुफा , सल्फी , लांदा , चार , तेंदू , महुआ ,...
बूंद बूंद हूं मैं एक खारी,छलकी..हो चक्षु से भारी, बहकी बन सुख- दुख की मारी,बूंद हूं मैं एक खारी..। मन,...
सोनहा बिहान पा लगी करपालिस जहर तोलाबिन स्वारथ,धरती माताचांटी औ हाथी सबोला पालत हे,मानव परजादा मोहित होकेदुखि यारी हो,पुकारत हेदुख...
(१) सुनोगे कैसे मौत का क्रंदनतुम तो उत्सवधर्मी होयथा देश के तथा वेशधरवक्ती सेवाकर्मी होलोक अगर खुद नशा चुने तोक्यों...
आईनाएक चिड़िया ,रोज आईने के सामने ,,अपने हमशक्ल को देखकर,,घायल कर देती है ,चोंच मार-मार कर,,उसको अपना ,दुश्मन समझ कर...
वो चिड़िया सी हैहाँ वो स्त्री हैवो नींदों में तवा पराततमाम चुल्हा चौका,हजारों फिक्र साथ लिऐ सोती है । सुबह...
ले मशालें चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के.अब अंधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गांव के…जैसी कालजयी रचना लिखने वाले...