नोहर होगे उन्हारी- सार छंद
भर्री भाँठा खार भँठागे, घटके कती उन्हारी। चना गहूँ सरसो अरसी के, चक हे ना रखवारी।। पहली जम्मों गांव गांव...
भर्री भाँठा खार भँठागे, घटके कती उन्हारी। चना गहूँ सरसो अरसी के, चक हे ना रखवारी।। पहली जम्मों गांव गांव...
वश में कर सके, है बस में किस के ये बंधन - डोर तुमने ही बांधे कस के सांसों की...
एक छोटे-से बच्चे ने मूँद ली हैं आँखें सब्जी-भाजी और ऐसे ही कुछ नापसंद स्वाद की तरफ़ से जिन्हें माँ...
शबरी के बेर बोले, तुम देर ना लगाना । हे राम... जल्दी आना ! हे राम... जल्दी आना !! पलकों...
ऋतु सिंह राजस्थान शिक्षा: एमफिल, बीएड, एमएससी भौतिकी ♦️बचपन से लिखने के शौक के चलते दसवीं कक्षा में राष्ट्रीय सहारा...
लंबे समय के बाद....आज ये ... आप सबके लिये....😊🙏 लेश भर भी कम नहीं सारी की सारी हूँ तुम किसी...
आकर मेरी बाहों में जज़्बात मचलने दो उल्फ़त के खिलें है गुल एहसास महकने दो।-1 हर-सम्त फ़ज़ाॅं महकी इक नूर...
मैंने पीड़ा को रोपा और बहुत ध्यान से देखा उसे बढ़ते हुए जब देखा , तो लगा मेरे सबसे करीब...
है शरद ऋतु का आगमन , फूलों की छटा है मनभावन।। नर्म धूप तन-मन को भाये, जैसे हो कोई अपनापन।।...