April 9, 2025

आलेख

युगीन सच्चाई और सतर्कता की उद्घोषणा है ‘ठग अउ जग’

डॉ. मृणालिका ओझा लोक साहित्य को किसी भी अंचल की भाषा या सीमा में समेट कर नहीं रखा जा सकता।...

“अविभाजित दुर्ग जिले का साहित्यिक इतिहास”

(मेरे संकलन से - अरुण कुमार निगम) पं. दानेश्वर शर्मा का अध्यक्षीय भाषण : दिनांक : 21 जून 1962 संदर्भ...

छत्तीसगढ़ी जन-कवि – कोदूराम ”दलित”

लेखक - डॉ. हनुमंत नायडू { नवभारत टाइम्स , बम्बई (अब मुम्बई) दिनांक 03 मार्च 1968 से साभार } मध्य...

“छत्तीसगढ़ी कविताओं में वसंत”

(कल से लेकर आज तक) भारतवर्ष में तीन मुख्य ऋतुएँ ग्रीष्म, वर्षा और शीत होती हैं। चार उप-ऋतुएँ भी होती...

स्मृति शेष पवन दीवान अब केवल अपनी कविताओं में मिलेंगे

(आलेख - स्वराज करुण ) देखते ही देखते आज नौ साल पूरे हो गए. वह 2मार्च 2016 की तारीख़ थी,जब...

बस्तर की जनजातीय कला-संस्कृति को पुनर्जीवित करने आयोजित होगा बस्तर पंडुम

प्रदेश सरकार द्वारा बस्तर की विशिष्ट जनजातीय कला एवं संस्कृति को पुनर्जीवित करने तथा समुचित सम्मान दिलाने के उद्देश्य से...

“मौत एक ख्याल है जैसे ज़िंदगी एक ख्याल है”

हिंदी सिनेमा में मील का पत्थर साबित हुई फिल्म 'गाइड' मेरे शहर उदयपुर की दिलकश वादियों में रचाई गई थी।...

साथी मुकेश तुम जिंदा बाघ थे !

जो जहां है है अगर मुखर व संवेदनशील मारा जाएगा एक दिन पहले ये तुम्हें प्यार से कोशिश करेंगे खरीदने...

सेक्यूलर पाजामे मे सांप्रदायिक लंगोट

▪️श्रीकांत आप्टे उस दिन बाबूलाल जी आंगन में खटिया पर लेटे हुए आराम फर्मा रहे थे। काफी थके हुए लग...